जब एक पिता जागता है…

Compiled by Dr. Mamta Sharma, Assistant Professor, Aggarwal Girls College, SriGanganagar यह लेख हर उस पिता की आत्मा को समर्पित है जो देर से ही सही, लेकिन जाग जाता है… रात काफी हो चुकी है।अंधकार की काली चादर चारों ओर पसरी है। कमरे की बत्ती बुझाने के बाद गहराता सन्नाटा कुछ सवालों को जन्म देता…

पिता

पुस्तकें – मानव की सच्ची मित्र

एक अच्छा पुस्तकालय आत्मा का अस्पताल होता है।” – यह कथन रोमन दार्शनिक सिसेरो का है, जो यह स्पष्ट करता है कि पुस्तकें केवल ज्ञान का स्रोत नहीं, बल्कि आत्मा की संजीवनी होती हैं। जीवन में कई रिश्ते बनते हैं और समय के साथ बदलते हैं, पर एक रिश्ता ऐसा होता है जो न वक्त…

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