विज्ञान: एक विषय नहीं, जीवन की सतत् खोज

dr.Deepmala

Dr. Deepmala Garg, Assistant Professor in Zoology Deptt., Agarwal Girls College, Sri Ganganagar

जब हम “विज्ञान” शब्द सुनते हैं, तो सामान्यतः हमारे मानस में पुस्तकों, समीकरणों, प्रयोगशालाओं और परीक्षा के प्रश्नपत्रों की छवियाँ उभरती हैं। किंतु क्या वास्तव में विज्ञान महज एक पाठ्यक्रम है? क्या यह केवल विद्यालय या विश्वविद्यालय की सीमाओं तक ही सीमित है? उत्तर स्पष्ट है—नहीं। विज्ञान, जीवन के प्रत्येक क्षण में निहित एक सक्रिय और गतिशील प्रक्रिया है, जो निरंतर नई संभावनाओं की ओर हमारा मार्गदर्शन करती है।

दैनिक जीवन में विज्ञान की उपस्थिति

प्रत्येक दिन की शुरुआत से लेकर रात्रि के विश्राम तक, हमारी दिनचर्या में जितनी भी क्रियाएँ घटित होती हैं, उनमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से विज्ञान समाहित है। सूर्य का उदय, मोबाइल पर इंटरनेट का कार्य करना, वर्षा की बूंदों का धरती पर गिरना, पत्तों का हराभरा दिखाई देना या औषधियों से रोग का उपचार—all these are living manifestations of scientific phenomena. विज्ञान केवल उपकरणों और प्रयोगों तक सीमित नहीं, बल्कि यह मनुष्य के चिंतन और व्यवहार में भी व्याप्त है।

विज्ञान व्याख्याता होने के नाते जब मैं स्वयं सोचती हूं कि “पानी” को पानी क्यों कहा गया, या “आटा” का नाम किसने रखा, तो यह मेरी जिज्ञासा को दर्शाता है। यह वही प्रश्न हैं जो किसी भी वैज्ञानिक सोच की पहली सीढ़ी होते हैं—सोचने, प्रश्न उठाने और समाधान खोजने की प्रक्रिया।

विज्ञान की परिभाषा और शाखाएँ

विज्ञान एक सुव्यवस्थित अनुशासन है, जो परीक्षण योग्य परिकल्पनाओं तथा भविष्यवाणियों के माध्यम से ब्रह्मांड के बारे में ज्ञान का सृजन एवं संगठन करता है। इसकी मुख्य शाखाओं में प्राकृतिक विज्ञान (Natural Sciences) जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान, सामाजिक विज्ञान (Social Sciences) जैसे समाजशास्त्र और मनोविज्ञान, और औपचारिक विज्ञान (Formal Sciences) जैसे गणित, तर्कशास्त्र और कंप्यूटर विज्ञान सम्मिलित हैं।

इन सभी शाखाओं का मुख्य आधार वैज्ञानिक पद्धति है—एक ऐसी प्रक्रिया जो अवलोकन, परिकल्पना, प्रयोग और निष्कर्ष पर आधारित होती है।

हर दिन एक प्रयोग: विज्ञान और दिनचर्या

हमारी प्रतिदिन की दिनचर्या जैसे उठना, खाना बनाना, चलना-फिरना, संवाद करना आदि जैविक और अजैविक तत्वों के समन्वय का परिणाम है। यह वैज्ञानिक सिद्धांतों का सहज और व्यावहारिक अनुप्रयोग है, जो बिना किसी औपचारिक शिक्षण के भी हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है।

नवीनता की प्रेरणा: खोज की सतत प्रक्रिया

विज्ञान का मूल है—नवीनता। जब भी हम किसी सामान्य सी बात पर प्रश्न उठाते हैं, जैसे “ऐसा क्यों होता है?” या “क्या इसे बेहतर बनाया जा सकता है?”—तभी से खोज की शुरुआत होती है। यही वैज्ञानिक दृष्टिकोण है, जो एक ही वस्तु को कई रूपों में प्रस्तुत करता है। उदाहरणस्वरूप, जल को देखें—आज हम साधारण पानी से लेकर मिनरल वाटर, इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय और जल शोधक प्रणालियों तक विकास देख सकते हैं।

भविष्य का निर्माता: विज्ञान और प्रौद्योगिकी

आज का युग तकनीकी प्रगति का युग है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्र विज्ञान की देन हैं। ये क्षेत्र केवल रोजगार नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा भी निर्धारित कर रहे हैं। ऐसे में विज्ञान का अध्ययन केवल एक शैक्षणिक आवश्यकता नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बन गया है।

विज्ञान = जीवन का अभिन्न साथी

विज्ञान न केवल नवीन आविष्कारों की प्रेरणा देता है, बल्कि मौजूदा तकनीकों में सुधार की संभावना भी प्रस्तुत करता है। यह समस्याओं के समाधान का आधार बनता है—चाहे वह ऊर्जा की कमी हो, स्वास्थ्य संकट हो या पर्यावरणीय चुनौतियाँ।

चुनौतियाँ: विज्ञान को केवल “मेमोरी सब्जेक्ट” न समझें

वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में छात्रों द्वारा विज्ञान को एक ‘मेमोरी-बेस्ड सब्जेक्ट’ के रूप में देखा जाना चिंता का विषय है। इसका परिणाम यह होता है कि वे रटने की प्रवृत्ति अपनाते हैं और वैज्ञानिक सोच से दूर हो जाते हैं। यदि विज्ञान को खोज और प्रयोग की यात्रा के रूप में देखा जाए, तो यही छात्र भविष्य के वैज्ञानिक, इंजीनियर और आविष्कारक बन सकते हैं।

“सोच बदलो, विज्ञान तुम्हारा मित्र बनेगा”

विज्ञान कोई बोझिल या केवल परीक्षाओं तक सीमित विषय नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है—एक ऐसा दृष्टिकोण जो हमें प्रश्न पूछने, सोचने और समाधान खोजने के लिए प्रेरित करता है। यह प्रतिदिन, हर क्षण हमारे आसपास मौजूद एक अदृश्य मित्र के रूप में कार्य करता है।
इसलिए हमें विज्ञान को केवल एक विषय नहीं, बल्कि जीवन की निरंतर खोज और नवाचार की प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करना चाहिए। जब तक मानव सोचता रहेगा, विज्ञान हर दिन एक नई खोज करता रहेगा।

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